Friday, August 6

इक आवां में बैठे हैं तनहा..

ख्वाबीदा नज़रें.. बुझते चिरागों के तले....

दिल के बेबाक किवाड़ो को मुकफ्फल था किया...

ये कौन दस्तक दे रहा है हौले से दिल पे आज...???


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